Bal Gangadhar Tilak 4466
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"क्या पता ये भगवान की मर्जी हो की मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ, उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे दुखी होने से अधिक लाभ मिले।"