Pandit Deendayal Upadhyaya 4534
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"धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यह चार पुरुषार्थ की लालसा मनुष्यों में जन्म से ही होती है और विशुद्ध रूप में इनकी संतुष्टि भारतीय संस्कृति का सार है।"