Swami Vivekananda 5521
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"तुम्हें अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है। कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरु नहीं है।"